5 Simple Statements About shiv chalisa lyricsl Explained
5 Simple Statements About shiv chalisa lyricsl Explained
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योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। नारद शारद शीश नवावैं॥
भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी ॥ दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं ।
अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन छार लगाये॥
मैना मातु की हवे दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥
कंबु – कुंदेंदु – कर्पूर – गौरं शिवं, सुंदरं, सच्चिदानंदकंदं ।
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कठिन भक्ति shiv chalisa lyricsl देखी प्रभु शंकर। भए प्रसन्न दिए इच्छित वर॥
महाभारत काल से दिल्ली के प्रसिद्ध मंदिर
भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
पूजन रामचंद्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥
मुण्डमाल Shiv chaisa तन क्षार लगाए ॥ वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे ।
सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥
जय जय जय अनंत अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥